Friday, November 12, 2010

मौत तू अभी न आ, अभी कई काम बाकि है

मौत तू अभी न आ, अभी कई काम बाकि है
इंसानियत को तो चढाने कई मुकाम बाकि है 
दोस्ती की आड़ में जो हो रही है दुशमनी 
है अब तक की जो दुश्मनी उसके इंतकाम बाकि है 
मौत तू अभी न आ, अभी कई काम बाकि है


जो जुल्मो सितम पहले सहे उसकी कहानी और थी 
और जो जुलम अब हो रहे उसके परिणाम बाकि है 
था सोने का जो खाजान हमारा देश अब वो न रहा 
जो रह गया है अब थोडा सा उसको बचाना बाकि है
मौत तू अभी न आ, अभी कई काम बाकि है


यूँ हिंसा और अहिंसा के इस जाल में हम है फसे
हर शक्स को इस बात का एहसास दिलाना बाकि है 
राजनीति के लिबाज में जो स्वार्थ है इस कदर बसा
उस स्वार्थ की भावना को तह से मिटाना बाकि है 
मौत तू अभी न आ, अभी कई काम बाकि है


दिलों पे रखा है जो नफरत का बड़ा पत्थर सा यूँ 
उसी नफरत के बदले में है भरना प्यार भी अभी बाकि है 
जो रूठ कर के बैठे है न जाने कब से हमसे यूँ 
उन्ही रूठो की मोहोब्त से मानना भी तो बाकि है 
मौत तू अभी न आ, अभी कई काम बाकि है


मोहोब्त है फूलो का बस एक प्यारा सा गुलदस्ता 
इन्ही फूलो से महकाना ये " हिन्दुस्तान " बाकि है 
ढके है जो उदासी से हजारो मायूस से चहरे है 
उन उदासीन से चेहेरो की बची अभी मुस्कान बाकि है 
मौत तू अभी न आ, अभी कई काम बाकि है


जो हो चूका वो होगया अब उसके लिए क्यों रोता है 
जो होना है आगे अभी उसका अंजाम बाकि है 
मौत तू अभी न आ, अभी कई काम बाकि है
इंसानियत को तो चढाने कई मुकाम बाकि है 
ऐ मौत तू अभी न आ, अभी कई काम बाकि है