यादें
कभी अच्छी तो कभी बुरी
कभी पूरी तो कभी अधूरी
कभी खट्टी तो कभी मीठी
कभी लगे मिर्ची से भी तीखी
इन यादों में है जैसे जीवन ये सारा
जैसे सभी कश्तियों का कोई अपना किनारा
कभी लगे मनो लाचार सा कोई बेचारा
कभी लगे जैसे कोई पंछी आवारा
रह रह कर आती और बड़ा सताती
कभी ख़ुशी से तो कभी गम से ऑंखें भीगा जाती
चुपके से आकर दिल में उथल पुथल मचाती
कोई पाती अपनी मंज़िल तो कोई अधूरी रह जाती
इन यादों में जैसे है ये जीवन समाया
लगे कड़कती धुप में जैसे ठंडी सी कोई छाया
कभी गुम सुम सी मासूम सी लगती है वो
कभी लगे मानो पुरे जीवन की परिछाया
काश इन यादों को फिर से जी सकते
गलतियों को सुधर कर खुशियों को लिए चलते
गमो को भुला कर दिल खोल कर हसते
ढेरो हसीन पालो से नयी यादों को रचते
काश इन यादों को फिर से जी सकते
कभी अच्छी तो कभी बुरी
कभी पूरी तो कभी अधूरी
कभी खट्टी तो कभी मीठी
कभी लगे मिर्ची से भी तीखी
इन यादों में है जैसे जीवन ये सारा
जैसे सभी कश्तियों का कोई अपना किनारा
कभी लगे मनो लाचार सा कोई बेचारा
कभी लगे जैसे कोई पंछी आवारा
रह रह कर आती और बड़ा सताती
कभी ख़ुशी से तो कभी गम से ऑंखें भीगा जाती
चुपके से आकर दिल में उथल पुथल मचाती
कोई पाती अपनी मंज़िल तो कोई अधूरी रह जाती
इन यादों में जैसे है ये जीवन समाया
लगे कड़कती धुप में जैसे ठंडी सी कोई छाया
कभी गुम सुम सी मासूम सी लगती है वो
कभी लगे मानो पुरे जीवन की परिछाया
काश इन यादों को फिर से जी सकते
गलतियों को सुधर कर खुशियों को लिए चलते
गमो को भुला कर दिल खोल कर हसते
ढेरो हसीन पालो से नयी यादों को रचते
काश इन यादों को फिर से जी सकते
super like :)
ReplyDeleteThanks Chotu.. :)
Deletebohat achchee kavitaa hai. thanks for sharing the link with me.
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